प्रधानमंत्री से परिधानमंत्री!

जब से देश के प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे ताकतवर नेता से मिले है जब से देश की आबो-हवा में मुद्दों को छोड़कर उनके सूट पर चर्चा छायी हुई है।चर्चा हो भी क्यों नहीं?मोदीजी देश के संवैधानिक पद पर बैठे है। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को देश के हालात व् समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए चलने व् दिखने की अपेक्षा हर नागरिक को होती है।मुझे याद है जब दिल्ली में बम धमाके हुए तो तत्कालीन गृहमंत्री शिवराज पाटिल के 3 घंटे में 3 ड्रेस बदलने के तरीके को मीडिया ने मुद्दा बना दिया।बेचारे क्या करते ,इस्तीफा देकर ही पीछा छुड़ाया। एक मीटिंग में स्वाभाविक तौर पर ड्रेस पहनना एक अलग मुद्दा है और आत्म मुग्ध होकर अपने आप को प्रस्तुत करना एक अलग मुद्दा है।मोदीजी ने किस भावना के साथ पहना,मैं नहीं जानता?लेकिन मुद्दों की तलाश में भटकती संकटग्रस्त प्रजाति कांग्रेस को बस उनका सूट ही नजर आया।लोकतान्त्रिक राजवंश वाली पार्टी को तनिक भी याद नहीं आया कि उनकी पार्टी के प्रथम प्रधानमंत्री की ड्रेस की धुलाई भी विदेशों में होती थी।उनके नाती तो दुल्हन भी विदेशी लेकर आये थे।जरा अपने युवराज की करतूतों को भी याद करलो। बाल कटाने के लिए पेरिस जाना पड़ता है! देश स्वाइन फ्लू की चपेट में है।लोग दर दर की ठोकरे खा रहे है। 700 के करीब लोग इस दुनिया के नक्शे कदम से मिट चुके है।आपको यह मुद्दा नजर नहीं आया?मोदीजी के पी एम् बनने के बाद 2100 किसान आत्महत्या कर चुके है लेकिन आपके लिए यह कोई मुद्दा नहीं है!आप अपने पूर्वजो के बलिदानो के जनाजे कब तक निकलोगे?देश के हर नागरिक को पता है कि इंदिरा गांधी व् राजीव गांधी ने इस देश के लिए बलिदान दिया है फिर भी पिछले चुनावों में आपको घी से मक्खी की तरह सत्ता के गलियारों से निकाल फेंका था।तनिक सी भी लाज बची है तो राजवंश के गुणगान में समय बर्बाद ना करके सड़क पर जनता के मुद्दे उठाने शुरू कर दो। आप इस भ्रम में बिल्कुल मत रहिये कि राजा महाराजा के वंशज आपकी नैया को पार लगा देंगे।जनता जागरूक हो चुकी है।उनको जयचंद व् मानसिंह जैसे गद्दारों की जानकारी हो चुकी है।70 रूपए घोटालों के रूप में उड़ाने व् 30 रूपए ज्यादा हायतौबा मचाने वाले गरीब भिखारियों की तरफ फेंककर संतुष्ट करने वाली आपकी नीति फ़ैल हो चुकी है।सरकारी कर्मचारी सिर्फ आप से जुड़े हुए नहीं थे उनका भी घर-परिवार है,वो भी समाज या पंथ से जुड़े लोग है।उनकी हमदर्दी बटोरकर भी आप सत्ता नहीं बचा पाये थे। हमे अच्छी तरह पता है पश्चिम परस्त मीडिया कभी नहीं चाहेगा की इस देश में ऐसे मुद्दों पर बात हो जिनका जनता से सरोकार हो।आप मीडिया के चंगुल में फंसकर खुद को इतिहास बनाने की कोशिश में क्यों लग जाते हो?आपकी सरकार की नैया डुबोने वाले चिदंबरम व् सिब्बल कहीं नजर नहीं  आते!जयराम रमेश जैसे ईमानदार नेता चुप क्यों हो गए?हरीश रावत जैसे सभ्य व् ईमानदार लोग हिमालय के जलजले में शांति ला सकते है तो आपका शीर्ष नेतृत्व मति भ्रम का शिकार कैसे हो सकता है? जरा सोचिये अब भी समय है अपने आप को प्रासांगिक बनाये रखने का।मीडिया के भरोसे विपक्ष का घोडा हांकने की कोशिश में नेस्तनाबूत हो जाओगे।आपसे जुड़े तमाम युवा लोगों का मोहभंग हो रहा है।नेतापुत्रों को आगे बढ़ाने का हर कुटिल कदम कांग्रेस के ताबूत में कील का काम करेगा।जनता हमेशा नये व् अपने बीच से निकले नेता पर भरोसा ज्यादा करती है।मुद्दे बहुत है इस देश में।एक बलात्कार के कारनामे पर आपके पी एम् व् गृहमंत्री की आवाज निकलनी बंद हो गई थी।आज कोई महिला अत्याचार ख़त्म नहीं हो गए है?लेकिन सत्ता के गुरूर में डूबे आपके नेता ऊबर पाये तो कुछ बात बने।
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