भारतीय मीडिया के बारे में लिखने का अब मेरा मन नहीं करता और इनके लिए शायद मेरी यह अंतिम पोस्ट ही हो जाएं!वैसे भी मैंने 4साल से टीवी देखना छोड़ रखा है!इधर-उधर से मित्र वीडियो भेज देते है तो हास्य-मनोरंजन हो जाता है व पता चलता रहता है कि गिरावट का दौर चलता ही जा रहा है।टीवी चैनलों को लोग मुख्यधारा का मीडिया कहते है!बड़ी अजीब बात है कि जो मीडिया भारत की जनता के खिलाफ खड़ा है,जनता को लड़ा रहा है,जलील कर रहा है उनको मुख्यधारा का मीडिया कहा जाता है!
मैं भारतीय मीडिया को मानसिक आतंकी कहता हूँ, लश्कर-ए-मीडिया ने आज देश का जो माहौल बनाया है उसके हिसाब से ये चैनल मालिक व कुपढ-अनपढ़ एंकरों की जगह तिहाड़ जेल में होनी चाहिए।फर्जी राष्ट्रवाद पर चीखते-चीखते आज देश को आर्थिक गड्ढे में डाल बैठे है!जनता को विश्व गुरु का सपना दिखाते-दिखाते खुद पैंदे में जा गिरे है।पिछले साल वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर जो इंडेक्स आई उसमे 2रैंक गिरते हुए 140वें स्थान पर रहा!
न्यायपालिका के बाद मीडिया में क्लासिक मेरिटधारी बैठे है!पूंजी से लेकर दिमाग तक का निवेश मेरिट धारी कर रहे है!आरक्षण मुक्त मेरिट से भरमार मीडिया की हालत इतनी खस्ता कैसे हो गई?मीडिया खुद तो अपने गिरेबाँ में झांकेगा नहीं और जनता के पास सुधार का कोई विकल्प नहीं है!तो जनता क्या करें?जनता के पास एक ही विकल्प है कि देखना बंद करे!इनकी जान टीआरपी में अटकी होती है!भारत का मीडिया शुद्ध रूप से एक ट्रेड बन गया है,एक व्यापार बन गया है जो खबरे बेचता है!मैं तो इसे व्यापार भी नहीं कहता क्योंकि व्यापार के कुछ नियम होते है,कुछ तय मानक होते है!
भारतीय मीडिया सत्ता का दलाल बनकर फ्रॉड की फैक्ट्री चला रहा है,जनता के पक्ष में पत्रकारिता करने के दिन लद चुके है!मुट्ठीभर लोग मीडिया पर कब्जा करके बैठे है और बहुसंख्यक आबादी को नये-नये हथकंडों के माध्यम से बरगलाते है!
देश मे सच बोलने वाले को मीडिया ट्रोल करता है,हक मांगने वालों को गद्दार बताकर कंगारू कोर्ट लगाकर ट्रायल करता है!मीडिया राजनेताओं की तरह बेबाकी से झूठ बोलता है!न कोई कार्यवाही करने की स्वतंत्र संस्था न कोई स्वघोषित नैतिकता!
भारतीय मीडिया मूलभूत मुद्दों से ध्यान हटाकर फर्जी व प्रायोजित मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित करती है,रोज हवा देने के लिए लंबे-लंबे प्राइम टाइम करता है,कई-कई घंटों डिबेट करता है,सर्कस की तरह 5-5हजार रुपये देकर चार-पांच मुर्गों को बुलाकर लड़ाता है!
मीडिया साम्प्रदायिकता,लिंगभेद,अंधविश्वास,पाखंड आदि का रोज लाइव टेलकास्ट के माध्यम से प्रचार-प्रसार करता है!आज हमारे पास सोशल मीडिया जैसा सशक्त माध्यम है जिसके द्वारा भारतीय मीडिया को औकात बता सकते है।सोशल मीडिया को मुख्यधारा का मीडिया बना सकते है।
टीवी पर चल रही खबरों के हिसाब से सोशल मीडिया को पिछलग्गू न बनने दें!सोशल मीडिया का इस तरह उपयोग किया जाएं कि यह फर्जी मुख्यधारा का मीडिया खुद हमे फॉलो करने लग जाएं।अपने बुनियादी मुद्दों को,मूलभूत मुद्दों को उठाने का उपयोग सोशल मीडिया में करना चाहिए!न हमारे पास सत्ता है और इतना मोटा माल है कि भारतीय मीडिया पर कब्जा कर सके!इसलिए सोशल मीडिया को अपना मीडिया बनाओ व व्यवस्था परिवर्तन की जंग लड़ो!
कल तमाम टीवी चैनल्स ने दिल्ली चुनावों का एग्जिट पोल किया जिसमें बीजेपी की साफ हार नजर आ रही है!उसके बाद जी न्यूज का डीएनए देखिये!जब जनता ने तमाम तरह की प्रोपगेंडा मशीनरी को नकार दिया तो जनता को ही जलील करना शुरू कर दिया!लगता है मीडिया में तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है!यह सोशल मीडिया की ताकत है कि इनके तमाम फ्रॉड धराशायी हो गए!
गुस्सा मत होइए!इनका इलाज गुस्से में नहीं बल्कि विवेक से सोशल मीडिया के उपयोग में है।मीडिया के मातम पर दुःखी मत होइए!जश्न मनाइये!इनका रोना-धोना सुकून देता है!
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