आप मानों या न मानो लेकिन कम से कम इस देश मे धर्म बहुत काम की चीज है।अगर किसी को मुफ्त में जमीन पर शांतिपूर्वक कब्जा करना हो तो एक भगवान की अदद सी तस्वीर की जरूरत होती है!किसी भी जगह खाली जगह पर पेड़ के पास/दीवार के सहारे रखकर महीने भर दूर से नजर रखते रहिये!अगर महीने भर ठीकठाक पड़ी रह गई तो फिर अगली कड़ी में एक रात में छोटा सा चबूतरा बना दीजिये और उस तस्वीर को चबूतरे के ऊपर शिफ्ट कर दीजिए या तस्वीर की जगह एक छोटी सी मूर्ति भी रख सकते है!महीने भर सुबह-सुबह दो-दो अगरबत्ती करते रहिए और एक महीना पूरा हो जाये तो एक रात में एक छोटा सा कमरा टाइप ढांचा तैयार कर दीजिए!फिर कहीं दूर से किसी अपराधी प्रवृति के धूर्त एक आदमी को इम्पोर्ट करके उसके अंदर बैठा दीजिये और चार-पांच दूत टाइप के लोगों को तैयार करके पूरे क्षेत्र में प्रचार करवा दीजिये कि एक बहुत पहुंचे हुए चमत्कारिक महात्मा अति प्राचीन मंदिर में आये है व जिसको आशीर्वाद सच्चे मन से देते है उसकी तो जिंदगी ही बदल जाती है!
धर्म की भांग में मदहोश लोग चमत्कारों की आड़ में जुटने लग जाएंगे।फिर कोई कमरा दान में दे देगा,कोई गुम्बज बनवा देगा तो कोई महात्मा के लिए टॉयलेट व आधुनिक गुफा का निर्माण करवा देगा!मतलब अच्छी खासी जगह पर कब्जा हो जाएगा।फिर महात्मा के चमत्कारों के प्रचार से अच्छी खासी भीड़ जुटने लग जायेगी तो अपने रिश्तेदारों की पूजा सामग्री,चमत्कारिक किताबों की स्टॉल,खाने-पीने की दुकान आदि की दुकान खुलवा दीजिये!जमीन पर कब्जा भी हो गया व पूरे कुनबे को रोजगार भी मिल जाएगा।बिना निवेश के सतत आय का स्रोत पैदा हो जाएगा।शहरों में जमीन कब्जाने का यह अनूठा व शांतिप्रिय तरीका है जहां पर करोड़ों की कीमत की जमीन मुफ्त में हथियाई जा सकती है।
गांवों में यह सब करने के लिए आपको तस्वीर की भी जरूरत नहीं होती।बस किसी अनजान गांव में जाकर किसी पहाड़ी या जंगल क्षेत्र में पेड़ या गुफा बनाकर रहना शुरू कर दीजिए!थोड़े दिनों तक तो तपस्या का ढोंग करना पड़ेगा लेकिन जब चार-पांच चमचे टाइप लोगों का इंतजाम हो जाएगा तो फिर राह आसान हो जाती है।वैसे भी गांव के लोग भोले-भाले होते है।जल्द ही चमत्कारिक बातों में आ जाते है इसलिए बाद में ढांचा खड़ा करने में कोई दिक्कत नहीं होती है!चार-पांच जीप/कार वालों से सेटिंग हो गई तो चमत्कार रातों-रात पूरे क्षेत्र में फैल जाएंगे!फिर गाड़ियों के काफिलों/पैदल यात्राओं का हुजूम सा उमड़ पड़ेगा।थोड़ा बीमारी का इलाज व गृह-क्लेश मिटाने का नुस्खा बता दिया तो सतत आय का भी बढ़िया स्रोत तैयार हो जाता है।गरीब लोग इलाज व भाग्य बदलवाने के लिए आते रहेंगे व पैसे वाले राजनीतिक चाहत में वोट बैंक के लिए महात्मा जी का आशीर्वाद लेने आ जाएंगे और भरपूर दान देंगे बस आशीर्वाद में कमी न रखियेगा।जीत गया तो फिर मंत्री बनकर आपको राज्यस्तरीय महात्मा बनने में पूरी मदद कर देगा।
फिर आप जितना चाहो उतना जमीनों पर कब्जा करते जाना व नये-नये आश्रम खोलते जाना!जब मंत्रीजी आपके चरणों मे झुकेंगे तो उस फोटो को खूब प्रचारित कर दीजिए ताकि कोई अफसर आपके कब्जे की प्रक्रिया के खिलाफ बोलने की हिम्मत भी नहीं जुटा पायेगा!जनता तो बेचारी होती है!जब मंत्री व महात्मा का संगम बन जायेगा तो बाकी बचे लोगों की क्या बिसात कि विरोध करने का हौंसला कर लें!सदियों से इसी तरीके से जमीनों पर कब्जा किया गया है व आज भी किया जा रहा है।जैसे-जैसे जमीनों की कीमत बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे मंदिर निर्माण प्रक्रिया भी तेजी से बढ़ती जा रही है।50साल पहले गांवों में कहीं-कहीं इक्के-दुक्के मंदिर नजर आते थे लेकिन आज हर गांव में दर्जनों मंदिर बन चुके है और रोज नया निर्माण चल रहा है।
है न धर्म उपयोगी!धर्म के नाम पर मुफ्त में कीमती जमीन कब्जाई जा सकती है!खुद महात्मा बनकर वीआईपी वाली फीलिंग ली जा सकती है!जब मंत्री/मुख्यमंत्री चरणों मे झुकते है तो क्या आनंद का अनुभव होता है आह! उसका बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता है!कोई भी सरकार आये या जाएं लेकिन मुफ्त में भक्तों की फौज धर्म की भांग में झूमती आपके पास होती है तो कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता!अपनी सुध-बुध खोकर गुलामों के रूप में मरने-मारने को उतारू गैंग आपके पास होगी तो कानून भी काम अपने हिसाब से करने लग जाता है!इसलिए इस धर्म का उपयोग करते रहिए और रोजगार सृजन की प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाते रहिये!बड़े काम की चीज है!मेरे कार्यस्थल के गेट के सामने अति प्राचीन मंदिर का विकास चबूतरे तक पहुंच चुका है व घर के पास वाली नई बन रही मेट्रो लाइन के नीचे खंभे के सहारे अति-प्राचीन हनुमान मंदिर का विकास भी चबूतरे से निकलकर कमरा निर्माण की प्रक्रिया में पहुंच चुका है।आप भी अपने आस पास नजर रखिये और इस पूंजी निर्माण की प्रक्रिया को ठीक से समझ लीजिए ताकि जब सरकारों की तरफ से रोजगार देने का हर विकल्प बंद सा नजर आएगा तो यही काम आएगा!
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